एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
मोदी जी के इस आह्वान पर की 5 अप्रैल 2020 को भारत वासी क्रोना से जंग जीतने के 9 बजे रात्रि में अपने घर के सारे लाइट बन्द कर के कैंडल दीपक व मोबाइल जला कर एकता का परिचय देंगे। एकता की बात तो समझमे आती है लेकिन ऐसे माहौल में जहां क्रोना के भय से लॉक डाउन, हर व्यक्ति त्रास्त है , अपने अपने घर मे बन्द है वहीं न्यूज़ चैनल इस समय घरमे बन्द लोगों के दिलों नफरत का माहौल तैयार करने की पूरी जद्दोजहद यानी प्रयासरत मुसलमानों को नफरत का लक्ष्य बना कर हर अंदभक्तों और अन्धविश्वासीय लोगों मनोमष्टिस्क में नफरत का विष भरने में अपनी पूरी शक्ति झोंक दिया है। इसका असर विशेष कर उत्तर भारत के गुजरो , जाटों, खटिकों, बाल्मीकिओं, जाटवों, एवम अन्य पीछड़ी जातियों यादवों, पासवानों, कोइरी, कुशवाह, रावीदासो, मुसहर, डोम, चिक, पर इसका दुष्य परिणाम यह देखने को मिलने लगा कि लोग अपने पड़ोस में या उनके किराया दारों में रहने वाले मुसलमानों से नफरत की दृष्टि से देखने लगे एक साथ जीवन वयतीत करने वाले हिन्दू दोस्त अपने मुसलमान दोस्त से दूरी बनाते हुए बल्कि उसे जामायेत से तुलना करते हुए की मुसलमान दोस्त जामायेत का मैम्बर है यानी सदस्य है उससे सतर्क रहें यह उस दोस्त की बात है जो मुसलमान को अपना भाई मानता था और अपने समाज मे गर्व से कहता था कि वह मेरा भाई है। यह मीडिया की देन है । लेकिन वही मुसलमान होने की पहचान देने वाले ऐसे लोग आज इस विकट घड़ी में अपनी जान की परवाह किये बिना अन्य मुस्लिम संगठन और सिखों की जामायेत समाज मे बिना भेद भाव के भूखों को खाना और आवश्यताओं कि पूर्ति कर रहा है । और भारतीय मीडिया नफरत फैला रहा है । और हमारे प्रधानमंत्री कभी ताली कभी थाली, दीपक, टॉर्च, जलवा रहे हैं।
अब सवाल है कि इस प्रकिया से किसको इसका लाभ मिला और प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यूँ करवाया ? इस बारे में अपने तमाम बुद्धिजीवियों और बड़े स्कॉलरों से यह सवाल करता रहा लेकिन किसी का भी जवाब मुझे संतुष्ट नही कर पाया मैं बड़े मंथन के बाद अपने बहुत पुराने 70 वर्षीय मित्र एनजीओ कंसल्टेंट गफूर भाई से जब अपने सवाल के साथ फोन पर चर्चा किया तो उन्हों 5 अप्रैल 1980 की अटल बिहारी वाजपेयी जी का आह्वान याद दिलाया , 5 अप्रैल 1980 में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी और उसी दिन रात्रि के 9 बजे उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का एलान किया और भाजपा स्तित्व में आई थी । ओफ्फो.... इतनी बड़ी बात को छुपा कर सीधा सीधा भाजपा का जन्म दिन मनाने का एलान न करके क्रोना से लड़ने के लिये एकता के नाम पर दीपक टॉर्च और पटाखे फुड़वा दिए । कमाल दिमाग का ? मानना पड़ेगा - वुश्व में ऐसा प्रधानमंत्री शायद ही होगा - भारत की जनता भूखे रहो, भूख से तड़प तड़प कर अपनी जान दे दो, भूख के कारण लूट मार करना शुरू कर दो लेकिन मुसलमानो से नफरत अवश्य करते रहो - और नफरत की आग में एक दूसरे को झोंते रहो और प्रधानमंत्री के लिये ताली थाली बजाते रहो , मोमबत्ती, दीपक, टॉर्च जलाते रहो। अंधभक्त बने रहो देशवासियों - आपस मे नफरत करो देश वासियों।